डायबिटीज के साथ कॉलेस्ट्रॉल व बीपी को भी नियंत्रित रखना जरुरी - FAQ

डायबिटीज के साथ कॉलेस्ट्रॉल व बीपी को भी नियंत्रित रखना जरुरी

आपलोगों का 2a.m.Newss में स्वागत है। आज हम डायबिटीज के साथ कॉलेस्ट्रॉल व बीपी को नियंत्रित रखना क्यों जरुरी है इसके बारे में जानेंगे। 

डॉक्टर की सलाह

पटना । डायबिटिज के साथ अनियन्त्रित  कॉलेस्ट्रोल और हाई बीपी रहने से हार्ट अटैक, किडनी और आँखों के ख़राब होने का जोखिम तीन से चार गुना बढ़ जाता है| अतः डायबिटीज को सही नियन्त्रित तभी माना जा सकता है जब शुगर लेवल के साथ बीपी कॉलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित हो| इसके लिए संतुलित खानपान, प्रतिदिन कम से कम ४० मिनट का व्यायाम और टहलना, खाने में प्रोटीन युक्त भोजन, हरी सब्जियां, सलाद, अंकुरित अनाज तथा फल की मात्रा बढ़ने से कॉलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित होता है | डायबिटीज  पीड़ित को समय-समय पर खून जांच, एचबीए1सी, किडनी और लिपिड प्रोफाइल की जांच करते रहनी चाहिए और अपने चिकित्सक के संपर्क में रहना  चाहिए| शुगर नियंत्रित हो तब भी दवा खाना बंद नहीं करना चाहिए, डॉक्टर की सलाह से दवा का डोज काम कराया जा सकता है | हिंदुस्तान डॉक्टर की सलाह में नई गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक सह डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिन्हा से ये सलाह हिन्दुस्तान पाठकों को फ़ोन पर दीं।  कहा की पहली बार जांच में शुगर लेवल 200 या इसके आसपास रहता है तो तत्काल दवा शुरू नहीं  करनी चाहिए। एक माह तक नियंत्रित भोजन, चीनी मिठाई से परहेज करते हुए नियमित रूप से 40 मिनट का टहलना और व्यायाम करना चाहिए। उसके बाद जांच करने पर यदि शुगर का स्तर ठीक रहता है तो फिजिकल एक्टिविटी जारी रखें। यदि शुगर का स्तर उसके बाद भी बढ़ा रहता है तो दवा का सेवन जरूर करें। 


FAQ 

सवाल- इन्सुलिन के साथ शुगर काम करने की दवा भी लेते हैं। डोज बढ़ने के बाद भी सही नियंत्रण नहीं है। क्या करें ?

सलाह- आपके लाइफस्टाइल और खानपान में असंतुलन के कारन यह समस्या है। नियमित रूप से व्यायाम करें,पैदल टहलें और सन्तुलित मात्रा में खाना लें। कई नयी दवाइयां आ गयी हैं, जिनसे बिना साइड इफ्फेक्ट के शुगर को नियंत्रित किया जा सकतका है। 


सवाल- शुगर की दवा सुबह-शाम दोनों समय खाते हैं। पिछले कई दिनों से शुगर खाली पेट 90, खाने के बाद 110 तक रहता है। क्या एक टाइम दवा छोड़ सकते हैं ?

सलाह- एक बार एचबीए1सी, लिपिड प्रोफाइल, किडनी फंक्शन टेस्ट की जांच कराएं। उसमे भी सबकुछ नियंत्रित आ रहा है तो एक टाइम दवा को छोड़ सकते हैं। 


सवाल- क्या चीनी  और मिठाई खाने से डायबिटिज हो सकता है ?

सलाह- प्री डायबिटीज अथवा डायबिटीज हो जाए तो चीनी, आइसक्रीम, और मिठाई नहीं खाना चाहिए। चीनी-मिठाई के अलावा तनाव, मोटापा, अनियंत्रित खान-पान और आरामतलबी जीवनचर्या भी डायबिटीज का कारन होता है। डायबिटीज नहीं है और शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा बन रहा है तो चीनी और मिठाई सिमित मात्रा में खाने से कोई परेशानी नहीं है। 


सवाल- डायबिटीज है, बहुत कमजोरी और हड्डियों में दर्द महसूस होता है। क्या करें ?

सलाह- शुगर स्तर ज्यादा कम होने अथवा बढ़ने पर भी कमजोरी महसूस होती है। हर दो घंटे पर हल्का खाना, फल शुगर फ्री बिस्कुट-चाय लेते रहना चाहिए। 


सवाल- दो साल पहले शुगर का पता चला था, डॉक्टर की सलाह से दवा ले रहे थे।  शुगर लो होने पर दवा छोड़ दिए। अब शुगर घटता-बढ़ता रहता है। क्या करें ?

सलाह- शुगर की दवा बिना डॉक्टरी सलाह से बंद नहीं करना चाहिए थी। डायबिटीज में शुगर घट रहा है तो किडनी की जांच कराएं। कई बार किडनी में समस्या होने पर शुगर का स्तर घाट जाता है। 


अन्य महत्वपूर्ण सलाह 

  • चीनी, मैदा और नमक सफ़ेद जहर है। इससे डायबिटीज, हार्ट अटैक, किडनी पर भी खतरा हो सकता है। 
  • डायबिटीज पीड़ित फलों में सेव, खीरा, पपीता, ककड़ी, जामुन, नारियल पानी ले सकते हैं। 
  • भोजन के चार हिस्से में एक हिस्सा अन्न, तीन हिस्से में दाल, सब्जी और सलाद हो। 
  • पहली बार शुगर लेवल बढ़ा मिले तो दिनचर्या में बदलाव लाये एक माह बाद जांच कराकर दवा का सेवन करें। 
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धन्यवाद 

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